de-addiction campaign will going to be start in Himachal universities and colleges
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प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में चलाया जाएगा नशा मुक्ति अभियान

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हिमाचल प्रदेश के निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नशे की रोकथाम के लिए शिक्षक और विद्यार्थी एक साथ काम करेंगे। प्रदेश के सभी निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। शिक्षकों और विद्यार्थियों के संयुक्त निगरानी दल शिक्षण संस्थानों और हॉस्टलों के आसपास भी नजर रखेंगे। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से हर माह निजी शिक्षण संस्थानों के कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी।

प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ सख्ती से निपटने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने सभी निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर नशामुक्ति के लिए विशेष प्रयास करने को कहा है। इसके तहत निगरानी दल गठित कर औचक निरीक्षण करने और विद्यार्थियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। निगरानी दल की अगुवाई वरिष्ठ शिक्षक करेंगे। इसमें विद्यार्थियों को सदस्य बनाया जाएगा।

समय-समय पर यह दल बैठकें कर अपनी कार्य योजनाएं बनाएंगे। नशे से संबंधित सूचनाएं मिलने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी अवगत करवाएंगे। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि नशे के खिलाफ सभी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। विद्यार्थियों को नशे की चपेट में आने से रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों में विशेष निगरानी दल बनाने को कहा गया है। आयोग को भी यह दल अपनी जानकारी से अवगत कराएंगे।

प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की सहुलियत के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ खोले जाएंगे। किसी भी प्रकार की समस्या को विद्यार्थी इन प्रकोष्ठ के माध्यम से प्रबंधन के ध्यान में ला सकेंंगे। विनियामक आयोग ने इन प्रकोष्ठ को स्थापित करने के लिए सूबे के सभी निजी कॉलेज प्रिंसिपलों और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र जारी कर दिए हैं।